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Monday 9 January 2012

बाबा मस्तनाथ जी के चमत्कार योग बल से वर्षा कर गायों की प्याश बुझाना

               बाबा मस्तनाथ जी के चमत्कार




योग बल से वर्षा कर गायों की प्याश  बुझाना 
बारह वर्ष की अवस्था होते -होते यह प्रकट होने लगा की मस्ता जी की रुचि घर अथवा उसकी सम्पत्ति मैं न होकर वन कानन तथा गुफा कंदराओं मैं ही है |  वह पहले ही की भांति अन्य चरवाहों के साथ गाय चराने जाते थे पर तो भी उनके मन की थाह पाना सरल नही था |
रक बार गर्मी की ऋतू थी , मध्यान्ह के समय सूर्या तप रहा था | प्रथ्वी गर्मी से जल रही थी | ऐसी अवस्था मैं अन्य चरवाहों ने मस्ता जी से कहा की - मध्यान का समय है आस पास कही भी पशुओं को पिलाने के लिए भी कहीं भी पानी नहीं है अतः पशुओं को गाँव मैं ले जाना चाहिए |
श्री मस्ता जी ने कहा कि- मैं तो गाय गाँव मैं लेकर नहीं जाऊँगा और उन्हें प्याश लगने पर यही पानी  पिलऊँगा | साथी चरवाहों ने उनसे कहा कि इस वनखंड कि चप्पा चप्पा भूमि उनोहने  देखि हुई है यहाँ कोई भी तालाब जोहड़ अथवा अन्य जलाशय नहीं है जहाँ उन्हें पानी मिल सके अतः उन्हें यही रहने का हठ नहीं करना चाहिए | यहाँ रहने पर उनके गाय बछड़े आदि  प्याश से वियाकुल हो जायेंगे और वह बड़े संकट मैं फँस जायेंगे अतः अच्छा यही है कि वह हठ का परित्याग कर दें और उनके साथ वापिश गाँव लौट चलें |
प्रतीत होता है कि श्री मस्ता जी के मन मैं अपने साथियों को योगिक चमत्कार दिखलाने कि इच्छा थी अथ उनोहने साथी पालिओं को कहा कि वे जंगल मैं ही रहें | लेकिन अन्य चरवाहे अपनी गायों को लेकर गाँव कि और चल पड़े | वे गाँव तक पहोंच भी नहीं पाए थे कि आकाश मैं घन घोर घटाएं उठीं और मुसलाधार वर्षा होने लगी | उनके चरों तरफ जल ही जल फैल गया और मस्ता जी कि गायों को वन मैं ही पानी पिने को मिलगया | यह चमत्कार देखकर सभी चरवाहे चकित रह गए और उनोहने गाँव वालों को बताया कि जब वे जंगेल से अपनी गायों को लेकर लौट रहे थे तब आकाश शून्य था उसमे न कोई बदल था न कोई घटा थी | मस्ता जी ने योग बल से वर्षा करवा कर हमारा भ्रम दूर किया है निश्चय ही यह करामाती सिद्ध है जो यहाँ हमें अपने बाल्य काल मैं योग लीला दिखला रहे हैं |
गाँव वालों ने यह सुना तो वे मंत्र मुग्ध हो सुनते ही रह  गए

बाबा मस्तनाथ जी द्वारा मृत गाय को जीवित करना चमत्कार न. २

  बाबा मस्तनाथ जी द्वारा 

      मृत गाय को जीवित करना चमत्कार न. २




बाबा मस्तनाथ जी कि समाधी 
जहाँ आने से होती है हर मनोकामना पूरी
 मृत गाय को जीवित करना चमत्कार न. २ 
एक बार सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी वन मैं तपश्या कर रहे  थे उसी वन मैं एक गरीब जाट गाय चराया करता था |
उसी गरीब किसान के पास मात्र  एक ही गाय थी उसी के दूध दे उस किशन के बच्चे पलते थे |संयोग ऐसा हुआ की एक दिन वेह किसान नित्य ही की भांति अपनी गाय चराने जंगल मैं गया हुआ था की उसकी गाय ने घास चरना बंद कर दिया और वह निष्प्राण हो गई |
 गाय को मरी हुई देखर किसान बहुत परेशान हुआ उस बेचारे के पास न ही कोई दूसरी गाय थी और न ही कोई अन्य पशु और न ही उसकी आर्थिक ऐसी थी की वह अन्य कोई दुधारू पशु खरीदता | ऐसी अवस्था मैं गो सेवक जाट बहुत दुखी हो गया |
गो भक्त किसान को याद आया की समीपस्थ वन स्थली मैं सिद्ध बाबा मस्तनाथ जी तपस्या लीं हैं |
उसने सोचा की उनके चरणों मैं विनय करने पर संभव है की वे मृत गाय को जीवत कर दें क्योंकि उन्होंने अनेक दुखी जनों के कष्ट हरण किये है |
अपंगी कबडी का कूबड़ हटा कर उसकी निर्मल और निरोग काया बना उसे पांव दान देना , अंधे ब्रम्म्हन को  नेत्र ज्योति देना , सूखे वृक्ष को हरा कर देना , यह सब कम जो सिद्ध कर सकते है उनके लिय यह क्या कठिन है की वेह मृत गाय को जीवन  प्रदान  कर उसके संकट दूर कर दें | इस प्रकार चिंतन करता हुआ निर्धन किसान सिद्ध बाबा  मस्तनाथ जी के तप स्थान की ओर चल पड़ा |
बाबा मस्तनाथ जी के तप: स्थल पर पहुचते ही निर्धन किस्सान उनके चरणों मैं गिर पड़ा | उसने रोते - रोते विनय की कि उसकी गाय घास चरते हुए अचानक इशी जंगल मैं मर गई है , उसके बालकों को उस गाय के बिना दूध नहीं मिल पायेगा क्योकि उनके पास धन नहीं है कि वे  दूसरी गाय खरीद सकें |
उसने बाबा के चरणों मई विनय कि कि वह मरी हुई गाय को जीवत करने कि किरपा करें |
बाबा मस्तनाथ जी को निर्धन किस्सान पर दया आ गई उन्होंने अपनी धूनी से विभूति कि एक मुट्ठी उठा कर गाय कि ओर फेंकते हुए कहा कि वह अपनी गाय के पास जाए वह उसे जीवत मिलेगी ठीक वही हुआ |
बाबा मस्तनाथ के चरणों पर दृढ आस्था रखने वाला वह किस्सान ज्यों ही अपनी मृत गाय के पास पहुंचा तो उसे देखकर बहुत अस्चर्या हुआ कि वह गाय वहां वह गाय खड़ी खड़ी घास चररही है इस प्रकार बाबा मस्तनाथ जी कि किरपा से निर्धन किसान के संकट कट चुके थे |
सिद्ध बाबा मस्तनाथ जी कि किरपा का विवरण लोगों ने सुना तो उन्हें बहुत आनंद हुआ और वे सिद्ध बाबा मस्तनाथ जीकी जय जय कार करने लगे |
जो मनुष्य बाबा मस्तनाथ जी मैं गहरी आस्था रखता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है और उसके सब संकट कट जाते है 
बोलो सिद्ध सिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी महाराज कि जय